Thursday, October 15, 2009

इक चराग-ए-मोहब्बत जला लीजिये.......

जल रहा है चमन

जल रहा है वतन

हो सके तो अमन को बचा लीजिये........


बुझ पाये जो

तूफ़ानो-आँधी में जो

इक चराग--मोहब्बत जला लीजिये.......

दीपोत्सव

की हार्दिक बधाइयाँ

एवं

नूतन वर्षाभिनंदन !

_______अलबेला खत्री

10 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

शुभदीपावली!!

समय चक्र said...

आपको और आपके परिवारजनों को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाये .

M VERMA said...

बहुत बहुत बधाई

nisha agarwaal said...

aap ko bhi
happy deepavli albelaji.
naya saal mubaarak

शिवम् मिश्रा said...

आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !

Udan Tashtari said...

बढ़िया और आभार.

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

-समीर लाल ’समीर’

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

प्रकाशपर्व मंगलमय हो!
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आपको दीपावली की शुभकामनायें !!
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

maadhav b jain said...

nice poem

bimla sahu said...

deepavli ki badhaai aapko bhee aur apke parivaar ko bhee kaviraj

aap sadaa un hi hame lubhate raho..kaveeta en sunate raho

-bimlaa sahu

राजीव तनेजा said...

आपको भी बहुत-बहुत बधाई

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